नई दिल्ली। झारखंड की हजारीबाग लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा सांसद जयंत सिन्हा (Jayant Sinha) को पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था. पार्टी ने सवाल किया था कि आपने लोकसभा चुनाव में वोट क्यों नहीं डाला? साथ ही आप चुनाव प्रचार का हिस्सा भी नहीं बने? अब जयंत सिन्हा ने इसका जवाब दिया है. नाराजगी जताते हुए जयंत ने कहा कि उन्हें ऐसा लग रहा है कि पार्टी के लिए उनकी निष्ठा और कड़ी मेहनत के बाद भी उनको गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि किसी भी संदेह को दूर करने के लिए कभी भी पर्सनली या फिर फोन पर उनसे बात की जा सकती थी. BJP के झारखंड महासचिव आदित्य साहू के नोटिस के जवाब में जयंत सिन्हा ने कहा कि उन्होंने डाक मतपत्र प्रक्रिया के माध्यम से मतदान किया क्योंकि वह ‘निजी प्रतिबद्धताओं’ के कारण विदेश में थे. उन्होंने साफ किया कि मार्च में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने के अपने फैसले की घोषणा के बाद झारखंड से पार्टी का एक भी वरिष्ठ पदाधिकारी, सांसद या विधायक उनके पास नहीं पहुंचा।
जयंत सिन्हा ने अपने जवाब में लिखा, ‘अगर पार्टी चाहती थी कि मैं किसी भी चुनावी गतिविधियों में भाग लूं, तो आप निश्चित रूप से मुझसे संपर्क कर सकते थे. हालांकि, 2 मार्च को चुनाव न लड़ने की मेरी घोषणा के बाद झारखंड से एक भी वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी या सांसद/विधायक मेरे पास नहीं पहुंचे. मुझे आमंत्रित नहीं किया गया था किसी भी पार्टी कार्यक्रम, रैलियों या संगठनात्मक बैठकों के लिए.
मालूम हो कि BJP ने मनीष जयसवाल को हजारीबाग सीट से अपना उम्मीदवार बनाया और सिन्हा ने कहा कि उन्होंने उसी दिन से उनका समर्थन किया था जब उन्हें लोकसभा उम्मीदवार घोषित किया गया था. जयंत सिन्हा ने आगे लिखा, ‘पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए जयसवाल को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. सिन्हा ने कहा कि उन्हें 29 अप्रैल को जयसवाल का फोन आया था और उन्होंने उन्हें 1 मई को अपनी नामांकन रैली में आमंत्रित किया था।
श्री आदित्य साहू जी द्वारा 20 मई, 2024 को भेजे गए पत्र के संबंध में मेरी प्रतिक्रिया। pic.twitter.com/n9SDeDEQv0
— Jayant Sinha (Modi Ka Parivar) (@jayantsinha) May 22, 2024
उन्होंने कहा कि वह ‘देर से सूचना’ के कारण 1 मई को हजारीबाग नहीं आ सके. नतीजतन, मैं 2 मई को हजारीबाग की यात्रा की और सीधा जयसवाल के आवास पर जाकर उन्हें अपना समर्थन व्यक्त किया. वह मौजूद नहीं थे, इसलिए मैंने अपना संदेश उनके परिवार तक पहुंचाया.’ जयसवाल से आगे कोई संपर्क नहीं हुआ. मैंने 3 मई को हजारीबाग छोड़ दिया और दिल्ली लौट आया।’
उन्होंने साहू को लिखे दो पेज के पत्र में कहा, ‘अध्यक्ष को सूचित करने के बाद, मैंने विदेश में कुछ जरूरी व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं में भाग लेने के लिए 10 मई को भारत छोड़ दिया. पार्टी ने मुझे किसी भी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए नहीं कहा था, इसलिए मुझे रुकने का कोई कारण नहीं दिख रहा था. भारत छोड़ने से पहले, मैंने अपना वोट भेजा था डाक मतपत्र प्रक्रिया, इसलिए, आपके लिए यह आरोप लगाना गलत है कि मैंने वोट देने की अपनी जिम्मेदारी का पालन नहीं किया।’