आंध्र प्रदेश में राजनीतिक समीकरण बदल सकता है। तेलंगाना की जीत के बाद कांग्रेस पार्टी आंध्र प्रदेश में संभावना देख रही है। हालांकि राज्य के विभाजन के बाद से आंध्र में कांग्रेस के प्रति बहुत नाराजगी है और यही कारण है कि कांग्रेस दो फीसदी भी वोट नहीं ले पा रही है। इसके बावजूद कांग्रेस की उम्मीद बढ़ी है तो उसका कारण मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला हैं। उन्होंने वाईएसआर तेलंगाना पार्टी का गठन किया था और पिछले चुनाव में कांग्रेस को समर्थन दिया। कहा जा रहा है कि कांग्रेस उनको राज्यसभा में भेजेगी या खम्मम सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ाएगी। इसके अलावा उनको पार्टी का महासचिव बनाने की चर्चा भी हो रही है।
कांग्रेस के जानकार सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस उनको आंध्र प्रदेश में इस्तेमाल करना चाहती है। वे कांग्रेस से जुड़ जाएंगी इस बात की पूरी संभावना है लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि कांग्रेस नेताओं को लग रहा है कि उनके जरिए चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी से तालमेल हो सकता है। गौरतलब है कि टीडीपी की बातचीत भाजपा से चल रही है और उसने पवन कल्याण की जन सेना पार्टी से तालमेल कर लिया है। ऐसे में कांग्रेस से कैसे बात बनेगी? कहा जा रहा है कि भाजपा जगन मोहन की पार्टी के साथ भी चैनल खोले हुए है और वह नहीं चाहती है कि राज्य की किसी पार्टी के साथ तालमेल करे। इसके बावजूद नायडू की पार्टी का कांग्रेस के साथ जाना थोड़ा मुश्किल लग रहा है। क्योंकि तब केंद्रीय और राज्य दोनों की एजेंसियों की कार्रवाई तेज हो जाएगी।