Breaking News
सरकार होम स्टे योजना को बढ़ावा देकर युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ रही है- महाराज
सरकार होम स्टे योजना को बढ़ावा देकर युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ रही है- महाराज
सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज देहरादून आपदा प्रभावितों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध- ललित जोशी
सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज देहरादून आपदा प्रभावितों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध- ललित जोशी
मुख्यमंत्री धामी ने जौलजीबी मेला-2024 का किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री धामी ने जौलजीबी मेला-2024 का किया शुभारंभ
मुख्य सचिव ने की स्मार्ट मीटरिंग के कार्यों की समीक्षा 
मुख्य सचिव ने की स्मार्ट मीटरिंग के कार्यों की समीक्षा 
टीरा’ ने जियो वर्ल्ड प्लाजा में लॉन्च किया लग्जरी ब्यूटी स्टोर
टीरा’ ने जियो वर्ल्ड प्लाजा में लॉन्च किया लग्जरी ब्यूटी स्टोर
फिल्म स्टार मनोज बाजपेई को जमीन खरीदवाने के लिए ताक पर रख दिए गए नियम- कायदे 
फिल्म स्टार मनोज बाजपेई को जमीन खरीदवाने के लिए ताक पर रख दिए गए नियम- कायदे 
सुबह उठने पर महसूस होती है थकान? ऊर्जा के लिए खाएं ये 5 खाद्य पदार्थ
सुबह उठने पर महसूस होती है थकान? ऊर्जा के लिए खाएं ये 5 खाद्य पदार्थ
बिना सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में नजर आई गहमागहमी
बिना सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में नजर आई गहमागहमी
तीसरे टी20 मुकाबले में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 11 रनों से हराया, सीरीज में 2-1 की बनाई बढ़त
तीसरे टी20 मुकाबले में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 11 रनों से हराया, सीरीज में 2-1 की बनाई बढ़त
यूपी में 13 हजार अवैध मदरसों को बंद करने की सिफारिश, SIT ने खाड़ी देशों से बताया कनेक्शन

लखनऊ। यूपी सरकार के निर्देश पर प्रदेश के अवैध मदरसों की जांच कर रही एसआईटी (SIT) ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। सूत्रों के अनुसार, इसमें करीब 13 हजार अवैध मदरसों को बंद कराने की सिफारिश की गई है। जांच में जिन मदरसों को अवैध पाया गया है, उनमें से अधिकतर नेपाल (Nepal) सीमा पर स्थित हैं।

इनका निर्माण खाड़ी देशों से मिली रकम से बीते दो दशकों में हुआ है। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कई और चौंकाने वाले खुलासे भी किए हैं। जिन 13 हजार मदरसों को बंद करने की सिफारिश की गई है, उनमें से अधिकतर नेपाल की सीमा से सटे महराजगंज, श्रावस्ती, बहराइच समेत 7 जिलों में हैं।

हर एक सीमावर्ती जिले में ऐसे मदरसों की संख्या 500-500 से ज्यादा है। एसआईटी ने इन मदरसों से उनकी आय और व्यय का ब्योरा मांगा तो वे उपलब्ध नहीं करा सके। इससे आशंका जताई जा रही है कि सोची-समझी साजिश के तहत टेरर फंडिंग के लिए जुटाई गई रकम को हवाला के जरिये मदरसों के निर्माण के लिए भेजा गया।

अधिकतर मदरसों ने अपने जवाब में चंदे की रकम से निर्माण कराने का दावा किया है। हालांकि वह चंदा देने वालों का नाम नहीं बता सके। जांच में कुल 23 हजार मदरसों में से 5 हजार के पास अस्थायी मान्यता का पता चला। कुछ तो बीते 25 वर्षों में मान्यता के मानक पूरे नहीं कर सके हैं। सर्टिफिकेट मान्य नहीं होने की वजह से यहां से शिक्षा प्राप्त करने वालों को नौकरी भी नहीं मिल पाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top