हरियाणा। भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा की राजनीति में इतिहास रचते हुए लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की है। 58 साल के इतिहास में भाजपा ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए राज्य की 90 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की है। कोई भी एग्जिट पोल और राजनीतिक पंडित भाजपा की जीत और कांग्रेस की हार का अनुमान नहीं लगा पाया था। कांग्रेस की हर रणनीति को ध्वस्त करते हुए भाजपा ने हरियाणा की उस परंपरा को भी कायम रखा है, जिसमें केंद्र और राज्य में एक ही दल की सरकार होती है। दस साल बाद सत्ता में वापसी की लड़ाई लड़ रही कांग्रेस सिर्फ 37 सीटें ही जीत पाई। पिछली बार कांग्रेस के पास 31 सीटें थीं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर हरियाणा विधानसभा चुनाव की मतगणना प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।
इस बार चुनाव में मतदाताओं ने तीसरे दल की भूमिका खत्म कर दी है। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के खाते में सिर्फ दो सीटें आई हैं। रानिया में इनेलो के अर्जुन चौटाला और डबवाली में आदित्य देवीलाल चौटाला ने जीत दर्ज की है। चौटाला परिवार के सात सदस्य मैदान में उतरे थे लेकिन इनेलो के दिग्गज अभय चौटाला तक हार गए। जननायक जनता पार्टी (जजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) का पूरी तरह से सूपड़ा साफ हो गया। दोनों दल का कोई भी उम्मीदवार दूसरे नंबर पर भी नहीं आ सका।