Breaking News
सरकार होम स्टे योजना को बढ़ावा देकर युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ रही है- महाराज
सरकार होम स्टे योजना को बढ़ावा देकर युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ रही है- महाराज
सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज देहरादून आपदा प्रभावितों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध- ललित जोशी
सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज देहरादून आपदा प्रभावितों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध- ललित जोशी
मुख्यमंत्री धामी ने जौलजीबी मेला-2024 का किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री धामी ने जौलजीबी मेला-2024 का किया शुभारंभ
मुख्य सचिव ने की स्मार्ट मीटरिंग के कार्यों की समीक्षा 
मुख्य सचिव ने की स्मार्ट मीटरिंग के कार्यों की समीक्षा 
टीरा’ ने जियो वर्ल्ड प्लाजा में लॉन्च किया लग्जरी ब्यूटी स्टोर
टीरा’ ने जियो वर्ल्ड प्लाजा में लॉन्च किया लग्जरी ब्यूटी स्टोर
फिल्म स्टार मनोज बाजपेई को जमीन खरीदवाने के लिए ताक पर रख दिए गए नियम- कायदे 
फिल्म स्टार मनोज बाजपेई को जमीन खरीदवाने के लिए ताक पर रख दिए गए नियम- कायदे 
सुबह उठने पर महसूस होती है थकान? ऊर्जा के लिए खाएं ये 5 खाद्य पदार्थ
सुबह उठने पर महसूस होती है थकान? ऊर्जा के लिए खाएं ये 5 खाद्य पदार्थ
बिना सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में नजर आई गहमागहमी
बिना सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में नजर आई गहमागहमी
तीसरे टी20 मुकाबले में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 11 रनों से हराया, सीरीज में 2-1 की बनाई बढ़त
तीसरे टी20 मुकाबले में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 11 रनों से हराया, सीरीज में 2-1 की बनाई बढ़त
बेरोजगारी का गंभीर मसला

संसद की सुरक्षा चूक के मामले में बहस का दायरा बढ़ गया है। कानून तोडऩे वालों को अपने किए की सजा मिलनी चाहिए, लेकिन साथ ही उस मसले का हल भी जरूर ढूंढा जाना चाहिए, जो आगे चल कर देश में सामाजिक अस्थिरता का कारण बन सकती है। यह निर्विवाद है कि संसद की सुरक्षा को भंग करने वाले नौजवानों ने गैर-कानूनी रास्ता चुना। इसके लिए उनके खिलाफ कानून की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बीच बेशक इस मामले में ऐसा कुछ नहीं कहा जाना चाहिए, जिससे समाज ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा मिले। लेकिन हकीकत यह है कि इस घटना से भारत में रोजगार के सवाल पर बहस खड़ी होती नजर आ रही है। इसकी वजह इन नौजवानों की पृष्ठभूमि है। ये सभी पढ़े-लिखे, लेकिन अपनी योग्यता के अनुरूप रोजगार ढूंढ पाने में नाकाम नौजवान हैं। उनमें से कम-से-कम तीन के माता-पिता और अन्य परिजनों ने सार्वजनिक बयान दिया है कि बेरोजगारी का मुद्दा उठाना गलत नहीं है।

इस बात ने ध्यान खींचा है कि इन नौजवानों के परिजन पूरी मजबूती से अपनी ‘बेटी/बेटों’ के साथ खड़े हैं। इसीलिए पहले सोशल मीडिया पर ये चर्चा छिड़ी। फिर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि संसद की सुरक्षा भंग होने के पीछे मुख्य कारण देश में बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई की समस्याएं हैँ। उधर मेनस्ट्रीम मीडिया के एक हिस्से में इस प्रकरण में इस पहलू की चर्चा शुरू हुई है। इनमें ध्यान दिलाया गया है कि देश में ऊंची आर्थिक विकास दर के साथ-साथ बेरोजगारी की समस्या भी बढ़ती चली गई है।

यह आज के भारत की हकीकत है। जिस देश में श्रम शक्ति भागीदारी दर (एलएफपीआर) 40 प्रतिशत से नीचे बनी हुई हो और उसके बावजूद बेरोजगारी दर भी साढ़े प्रतिशत से ऊपर हो, वहां आबादी के एक बड़े हिस्से में पैदा गहराने होने वाली मायूसी का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस पर ध्यान देने के बजाय वर्तमान सरकार का नजरिया रोजगार की परिभाषा बदल कर समस्या की गंभीरता को घटाकर बताने का रहा है। यह एक तरह से परेशान नौजवानों के जले पर नमक छिडक़ने जैसा है। अब बेहतर होगा कि सरकार अपना ये नजरिया बदले। बेशक, कानून तोडऩे वालों को अपने किए की सजा मिलनी चाहिए, लेकिन साथ ही उस मसले का हल भी जरूर ढूंढा जाना चाहिए, जो आगे चल कर देश में सामाजिक अस्थिरता का कारण बन सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top