बदलते मौसम में बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। इस मौसम में सर्दी-खांसी, जुकाम तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले लेता है. ऐसे में लोग बीमारियों से बचने के लिए कई तरह के उपाय आजमाते हैं। यहां आपके लिए एक ऐसा ही उपाय लेकर आएं हैं जिसे आप बड़ी आसानी से दैनिक जीवन में अपना सकते हैं। हम बात कर रहे हैं कांजी ड्रिंक की। इसे आसानी से आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. यह आपकी इम्युनिटी को मजबूत बनाने के साथ कई तरह के संक्रमण से बचाने में मदद करेगा। कांजी का पानी पीने से इम्यूनिटी मजबूत होने के साथ पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहता हैं। ये एक फर्मेंटेड ड्रिंक होती है. इसे पीने से शरीर स्वस्थ रहता है. आइए जानते हैं, क्या है कांजी ड्रिंक और सेहत के लिए कैसे है ये फायदेमंद।
शरीर की कमजोरी करे दूर
कांजी पीने से शरीर को इंस्टेट एनर्जी मिलती है. कांजी कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होती है. इसे पीने से शरीर को ऊर्जा मिलने के साथ शरीर की कमजोरी भी आसानी से दूर होती है। अगर आपको चक्कर आने की समस्या है, तो कांजी पी जा सकती है।
आंखों की रोशनी बढ़ाए
कांजी पीने से आंखे स्वस्थ रहने के साथ आंखों की रोशनी भी बढ़ती है. कांजी में मौजूद इसमें मौजूद एंथोसायनिन आंखों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. वहीं गाजर में मौजूद विटामिन ए कम लाइट में भी आंखों को देखने की शक्ति देता है।
सूजन और इंफेक्शन करे दूर
कांजी पीने से शरीर की सूजन कम होती है. कांजी में इस्तेमाल होने वाली काली गाजर शरीर की सूजन दूर करने के साथ यूरिन इंफेक्शन को भी दूर करने में मदद करती है. कांजी पीने से शरीर स्वस्थ रहता है।
कब्ज की परेशानी से दिलाए राहत
कब्ज की परेशानी काफी बढ़ जाती है. ऐसे में कांजी पीने से कब्ज की परेशानी को आसानी से दूर किया जा सकता है. चुकंदर और गाजर में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो कब्ज की समस्या को दूर करके पेट को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
पाचन को बेहतर, पेट को रखे स्वस्थ
कांजी पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है. इसे पीने से अपच, गैस और एसिडिटी आसानी से दूर होती हैं. कांजी पीने से खाना ठीक से पचता है और पेट भी स्वस्थ रहता है. कांजी पीने से पेट में गुड बैक्टीरिया बढ़ते हैं।
घर पर कैसे बनाएं कांजी ड्रिंक?
कांजी बनाने के लिए 2 चुकंदर और 4 से 5 गाजर को लेकर छोटे टुकड़ों में काट लें। अब एक जार में नमक, पिसी हुई सरसों और काली मिर्च और पानी को मिलाकर डाल दें. अब इस जार को कपड़े से ढक्कर 6 से 7 दिन के लिए धूर में रख दें. इस जार को हिलाते भी रहें. जब कांजी तैयार हो जाएं, तो इस रस को अलग कांच की शीशी में भर में लें।